Mpox
Mpox

India me Mpox का पहला मारिज पाया गया…

एमपॉक्स(Mpox) क्या है?

एमपॉक्स (जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था) एक दुर्लभ बीमारी है जो वायरस के कारण होती है। इससे चकत्ते और फ्लू जैसे लक्षण होते हैं। चेचक पैदा करने वाले बेहतर ज्ञात वायरस की तरह, यह ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस का सदस्य है।

एमपॉक्स किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ निकट संपर्क से फैलता है। आप इसे किसी संक्रमित जानवर से भी प्राप्त कर सकते हैं।

एमपॉक्स वायरस के दो ज्ञात प्रकार (क्लैड) हैं – एक जो मध्य अफ्रीका (क्लैड I) में उत्पन्न हुआ और दूसरा जो पश्चिम अफ्रीका (क्लैड II) में उत्पन्न हुआ। वर्तमान विश्व प्रकोप (2022 से 2023) क्लेड IIb के कारण होता है, जो कम गंभीर पश्चिम अफ्रीकी क्लेड का एक उपप्रकार है।

Mpox इंडिया में

सोमवार 9-9-2024 को दिल्ली में मंकी पॉक्स का एक मरीज़ मिला है। बताया जा रहा है कि वो विदेश यात्रा से वापस आया था। उसमें मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने के बाद उसे आइसोलेशन में रखा गया है। कोरोना के बाद मंकी पॉक्स की अफ़्रीकी देशो में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है और अब दूसरे देशो में भी फेल रहा है।

मंत्रालय ने कहा, “एमपॉक्स के पहले से संदिग्ध मामले की पुष्टि यात्रा से संबंधित संक्रमण के रूप में हुई है। प्रयोगशाला परीक्षण में मरीज में पश्चिम अफ्रीकी क्लेड-2 के एमपॉक्स वायरस की उपस्थिति की पुष्टि हुई है।

“केंद्रीय सरकार ने अलर्ट जारी किया है”

केंद्र सरकार ने सोमवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में मंकी पॉक्स (Mpox) के सभी संदिग्ध मामलों की जांच और परीक्षण करने का आग्रह किया। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा द्वारा जारी एक पत्र में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से तैयार रहने और संदिग्ध और पुष्ट दोनों तरह के रोगियों के लिए अस्पतालों में आइसोलेशन सुविधाओं की पहचान करने को कहा गया है।

दिल्ली में सेंट्रल हॉस्पिटल लेडी हार्डिंग, आरएलएम और सफदरजंग को नोडल हॉस्पिटल बनाया गया। अस्पताल में मंकी पॉक्स के लिए वार्ड और बिस्तर तैयार किया गया अगर मंकी पॉक्स का कोई मरीज़ आता है तो उपयोग के लिए यहां भारती किया जाएगा

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Mpox के लक्षण

चंद्रा ने पत्र में कहा कि वैश्विक स्तर पर संक्रमण के जिन तरीकों की रिपोर्ट की गई है, उनमें यौन संपर्क सबसे आम है, उसके बाद व्यक्ति-से-व्यक्ति गैर-यौन संपर्क है और जिन मामलों में कम से कम एक लक्षण की रिपोर्ट की गई है, उनमें सबसे आम लक्षण चकत्ते हैं, उसके बाद बुखार है।

डब्ल्यूएचओ ने अपने नवीनतम स्थितिगत अपडेट में इस बात पर प्रकाश डाला है कि मामलों की नैदानिक ​​तस्वीर काफी हद तक एक जैसी ही बनी हुई है। चंद्रा ने प्रमुख विशेषताओं को सूचीबद्ध करते हुए कहा कि अधिकांश मामले युवा पुरुषों के हैं जिनकी औसत आयु 34 वर्ष (सीमा 18-44 वर्ष) है।

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