दिल्ली की खतरनाक एयर पॉल्यूशन ने न केवल लोकल लोगों की हेल्थ पर गंभीर असर डाला है, बल्कि इंटरनेशनल टूरिस्ट्स के लिए भी चिंता का विषय बन गया है। हाल ही में ऑस्ट्रेलियन गवर्नमेंट ने अपने सिटिजन्स के लिए एक बड़ा ट्रैवल वार्निंग जारी किया है। इस वार्निंग में दिल्ली की टॉक्सिक एयर और खराब एयर क्वालिटी को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) ‘Severe’ कैटेगरी में पहुंच चुका है, जिससे न केवल लोकल पॉपुलेशन बल्कि टूरिस्ट्स को भी सांस लेने में कठिनाई हो रही है। जहरीली स्मॉग ने फेमस टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स जैसे इंडिया गेट और कुतुब मीनार को ढक लिया है, जिससे इस्की खूबसूरती और टूरिज्म पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है।
ऑस्ट्रेलियाई सरकार के Smarttraveller पोर्टल ने दिल्ली की एयर पॉल्यूशन को “टॉक्सिक” करार दिया है और टूरिस्ट्स को बाहर कम निकलने की सलाह दी है। इसके अलावा, गवर्नमेंट ने N95 मास्क पहनने और ज्यादा से ज्यादा इंडोर रहने की सलाह दी है। इस खराब एयर क्वालिटी के कारण टूरिज्म सेक्टर पर भी असर पड़ा है। टूरिज्म भी इन दिनों काफी प्रभावित हुआ है।
दिल्ली, जो अपनी रिच कल्चरल हेरिटेज और हिस्टोरिकल साइट्स के लिए फेमस है, अब पॉल्यूशन की वजह से टूरिस्ट्स की संख्या में भारी गिरावट देख रहा है। फॉरेन टूरिस्ट्स अब भारतीय राजधानी मे आने से बच रहे हैं, जिससे लोकल बिज़नेस और टूर ऑपरेटर्स को बड़ा नुकसान हो रहा है। पॉल्यूशन के कारण ग्लोबल इमेज भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
दिल्ली के इस एयर पॉल्यूशन का सीधा असर लोगों की हेल्थ पर पड़ रहा है। हवा में मौजूद PM2.5 और PM10 जैसे खतरनाक पार्टिकल्स सांस की समस्याएं पैदा कर रहे हैं। इसके अलावा, आंखों में जलन और त्वचा संबंधी समस्याएं भी आम हो रही हैं। लंबी अवधि तक इस प्रदूषण का सामना करने से हार्ट और लंग्स से जुड़ी बीमारियां भी हो सकती हैं।
इस स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने कई इमरजेंसी मेजर्स उठाए हैं। स्कूलों में हाइब्रिड क्लासेस लागू की गई हैं और सरकारी कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम का आदेश दिया गया है। इसके अलावा, कंस्ट्रक्शन एक्टिविटीज पर रोक और वाहनों के उत्सर्जन को नियंत्रित किया गया है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि दिल्ली को सही मायने में प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के लिए लॉन्ग-टर्म सॉल्यूशंस जैसे ग्रीन एनर्जी और वेस्ट मैनेजमेंट को बेहतर बनाना बेहद जरूरी है।
दिल्ली का यह प्रदूषण न केवल लोकल बल्कि ग्लोबल स्तर पर चिंता का कारण बन चुका है। इसे सुलझाने के लिए गवर्नमेंट और आम नागरिकों को मिलकर कदम उठाने होंगे। केवल तभी दिल्ली को एक स्वस्थ और स्वच्छ शहर बनाने में सफलता मिल सकती है।