नई दिल्ली, 19 दिसंबर, 2024 – भारतीय शतरंज के उभरते सितारे गुकेश डोम्माराजू ने इतिहास रचते हुए 18 साल की उम्र में सबसे युवा वर्ल्ड चेस चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। उन्होंने सिंगापुर में आयोजित 14-गेम मैच में चीन के डिंग लिरेन को 7.5-6.5 के स्कोर से हराकर यह खिताब अपने नाम किया।
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गुकेश की ऐतिहासिक जीत
गुकेश ने मात्र सात साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू किया था और 12 साल की उम्र में ग्रैंडमास्टर का खिताब हासिल किया, जो उन्हें दुनिया के सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर्स में से एक बनाता है। इस बार उन्होंने डिंग लिरेन को हराकर न केवल 18वें वर्ल्ड चेस चैंपियन का ताज अपने सिर पर सजाया, बल्कि भारत को वैश्विक शतरंज मानचित्र पर और मजबूत किया
गुकेश का भविष्य और आगामी योजनाएं
अब टाटा स्टील वाइक आन ज़ी, नॉर्वे चेस और सिंक्वेफील्ड कप जैसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट्स में भाग लेने की तैयारी कर रहे हैं। 2026 में अपने खिताब की रक्षा के लिए उनकी तैयारियां अभी से चर्चा का विषय बन गई हैं।
गुकेश बनाम मैग्नस कार्लसन:
बहुप्रतीक्षित मुकाबला
गुकेश और पूर्व वर्ल्ड चेस चैंपियन मैग्नस कार्लसन के बीच संभावित मुकाबले को लेकर शतरंज प्रेमियों के बीच उत्साह है। यह मुकाबला निश्चित रूप से शतरंज के इतिहास में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
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भारत की शतरंज में बढ़ती ताकत
गुकेश की इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया है कि भारत शतरंज में एक नई शक्ति बनकर उभर रहा है। उनके प्रदर्शन ने न केवल भारतीय खिलाड़ियों को प्रेरित किया है, बल्कि शतरंज में युवाओं की रुचि भी बढ़ाई है।
निष्कर्ष
गुकेश डोम्माराजू की इस ऐतिहासिक जीत ने शतरंज में भारत का नाम रोशन किया है। उनकी मेहनत, प्रतिभा और लगन न केवल उन्हें बल्कि भारत के शतरंज इतिहास को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।
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